वॉयस ऑफ ए टू जेड न्यूज:-
मेरठ- सिविल सर्विस की तैयारी कर रही युवती का शव बेडरूम में पंखे से लटका मिला है। शव पूरी तरह से सड़ चुका था। पूरे कमरे में खून बह रहा था। पास में मिले सुसाइड नोट से पुलिस मान रही है कि 22 अप्रैल को ही युवती ने आत्महत्या की है। उस दिन ही सिविल सर्विस का रिजल्ट आया था।
सिविल सर्विस के एग्जाम में फेल होने पर ही उसने यह कदम उठाया है। बताया जाता है कि युवती पहले भी कई बार एग्जाम दे चुकी है। उसके साथ अन्य एग्जाम में भी असफल रही है। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
गंगानगर की ग्रेटर गंगा कालोनी में कांता प्रसाद शुक्ला परिवार के संग रहते हैं। मूलरूप से महोबा के रहने वाले है। 2020 में बीएसएनएल से डीजीएम पद से रिटायर्ड हो चुके हैं। कांता प्रसाद की भतीजी की शादी महोबा में थी। इसलिए पूरा परिवार 12 अप्रैल को महोबा गया था। कांता प्रसाद की 40 वर्षीय बेटी प्रियंका घर पर अकेली थी। शुक्रवार को आसपास के लोगों ने घर के अंदर से बदबू आते देखकर कांता प्रसाद को फोन पर सूचना दी। वह परिवार के संग रात को साढ़े आठ बजे घर पर पहुंचे।
फंखे से लटका था शव, पूरे घर में बदबू-
बेटी प्रियंका का शव बेडरूम में पंखे से लटका हुआ था। शव पूरी तरह से गला था। पूरे घर में बदबू फैली थी। घर के अंदर भी कोई रूक नहीं पा रहा था। गंगानगर पुलिस और फोरेसिंक टीम मौके पर पहुंची। पुलिस ने मास्क लगाकर शव को पंखे से उतारा। शव के पास से सुसाइड नोट रखा गया था। सुसाइड नोट पर 22 अप्रैल की डेट पड़ी हुई थी।
माना जा रहा है कि असफल होने पर की आत्महत्या-
एसपी देहात राकेश मिश्रा के मुताबिक, फोरेसिंक जांच से सामने आया कि 22 अप्रैल को ही प्रियंका ने सुसाइड किया है। उस दिन ही सिविल सर्विस का रिजल्ट आया था। शायद खुद को उसने असफल मानकर आत्महत्या कर ली है। पुलिस ने प्रियंका के शव को कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। प्रियंका अविवाहित थी, उसकी उम्र भी 40 वर्ष हो चुकी थी। सिविल सर्विस के साथ भी अन्य कई प्रतियोगी परीक्षा की तैयार कर चुकी थी। कांता प्रसाद के दो बेटे भी है, जो निजी कंपनियों में बड़े पद पर तैनात है।
सुसाइड नोट में प्रियंका ने लिखा मौत का कारण-
मेरे दिमाग में हर समय शोर मचता रहता हैं, जो मुझे पढ़ाई नहीं करने देता है। हाल में पढ़ाई करने के साथ-साथ जीने में भी दिक्कत आ रही है। हर समय दिमाग का यह शोर सुनकर थक चुकी हूं। मेरी अब जीने की इच्छा नहीं रही है। इसलिए मैं खुद ही आत्महत्या कर रही हूं। मेरी मौत का मैं खुद जिम्मेदार हूं। मेरा शव मिलने के बाद पुलिस मेरे परिवार को प्रताड़ित न करें।